अतिप्रचीन बहुमूल्य धरोहर का राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपदा संरक्षण अनुसंधान शाला लखनऊ की टीम ने किया संरक्षण
नवागढ़ कमेटी ने किया अनुसंधानकर्ता विशेषज्ञों को सम्मानित
कड़ाके की ठंड में भी प्रातः 8रू00 बजे से कार्य में संलग्न रही टीम
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए नवागढ़
ललितपुर। राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपदा संरक्षण अनुसंधान शाला लखनऊ की टीम ने जनपद के महरौनी विकासखंड में स्थित प्रागैतिहासिक जैन अतिशय तीर्थक्षेत्र नवागढ़ में संग्रहित सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण श्री पीके पांडे एवं 26 अनुसंधानकर्ता विशेषज्ञों के द्वारा किया किया गया।
क्षेत्र के प्रचार मंत्री डॉण् सुनील संचय ने बताया अनुसंधान शाला का यह तीसरा शैक्षणिक दल है जिसने नवागढ़ में अनुसंधान एवं संरक्षण का कार्य कर नवागढ़ की धरोहर को जीवनदान देकर संरक्षण और संवर्द्धन प्रदान किया है।
नवागढ़ प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र में विगत 9 दिसंबर से चल रहा है विशेष यज्ञए जिसमें देशभर से कोलकाताए लखनऊए त्रिपुराए दिल्लीए फैजाबाद एबेंगलुरु एमैसूरए पुणे एफर्रुखाबाद एपानीपत आदि नगरों से अन्वेषक एवं विशेष अन्वेषक दल अपने . अपने कार्य को निष्ठा पूर्वक करते हुए इसमें आहुति देकर पुरातात्विक धरोहर को संरक्षित करके वर्षों के लिए जीवनदान दे रहे हैं ।नवागढ़ में दस दिन तक यह कार्य चला।
कर्तव्य ही आराधना रू
श्री पीके पांडे वरिष्ठ संरक्षक एन आर एल सी लखनऊ ने इस अवसर पर कहा कि नवागढ़ में भगवान अरनाथ स्वामी का ऐसा अतिशय है कि इस भीषण सर्दी में भी विशेषज्ञ प्रातः 8रू00 बजे से अपने कार्य में संलग्न होकर लगातार श्रम करते हुए संरक्षण करके अत्यंत प्रसन्न हैं।
प्राकृतिक सुखद एहसास रू
अनुसंधानकर्ता श्रीमती रीता तिवारी ने बताया हम सभी प्रातकाल जब भ्रमण पर निकलते हैं तो यहां की प्राकृतिक छटा मन मोह लेती हैए चिड़ियों का चहचहानाए सूर्योदय का अनुपम दृश्य एसुंदर पहाड़ियांए खेतों की हरियालीए ग्रामीण जनों की दिनचर्या हम सभी को आकर्षित करती है । प्रकृति की ऐसी सुखद अनुभूति पहली बार महसूस की हैए जो हमें जीवन भर स्मृति में रहेगी।
हम फिर आएंगे रू
देवव्रत ए देव ज्योतिए मनन जैन सभी का कहना है यहां की शांतिए प्राकृतिक सौंदर्यए भगवान अरनाथ स्वामी का यह दिव्य तीर्थ हमें बहुत अच्छा लगा है एनवागढ़ की समिति की कार्यकुशलता अनुकरणीय है। हम एक बार परिवार सहित यहां के दर्शन करने अवश्य आएंगे । हमें यहां से जीवन जीने की विशेष प्रेरणा एवं ज्ञान प्राप्त हुआ है । क्षेत्र के निर्देशक ब्रण् जयकुमार निशांत भैया जी का निर्देशन हमारी धरोहर है। हम क्षेत्र में एक परिवार की तरह रहे हैं ।
पुरा सामग्री का भंडार रू
अनुसंधानकर्ता श्रीमती बिंदु बेंगलुरु ने कहा इतिहासए संस्कृतिए पुरातत्व एवं पर्यटन के साथ दुर्लभ कलाकृतियांए मूर्तियांए धातु उपकरणए प्राकृतिक गुफाएंए शैल चित्रए चंदेल बावड़ी सभी विलक्षण है । इसे प्रशासन के सहयोग से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो यहां की धरोहर का सदुपयोग एवं संरक्षण जीवंत रहेगा।
अनुसंधान कार्यशाला का समापन रू
लखनऊ में शिक्षण. प्रशिक्षण कर रहे इन सभी विशेषज्ञों के 10 दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से नवागढ़ में संग्रहित 60 से अधिक धातु कलाकृतियों एवं दैनिक जीवन में उपयोग आने वाले उपकरणों का गंभीरतापूर्वक निरीक्षण करकेए उन में होने वाली विकृतियों को रासायनिक प्रक्रिया द्वारा संरक्षित किया गया है । सभी ने यहां कला के माध्यम से अपने शिक्षण को कार्यरत करके विशेष अनुभव प्राप्त किया है ।
विशेष आमंत्रण रू
क्षेत्र के निदेशक ब्रह्मचारी जय कुमार निशांत ने एनआर एल सी के महानिदेशक डॉ मैनेजर सिंह को यहां की अनुसंधान शाला के बारे में जानकारी देते हुए कहा आपके द्वारा क्षेत्र को विशेष संरक्षण प्राप्त होता रहा है। आप कृपया नवागढ़ पधार कर भगवान अरनाथ स्वामी का आशीर्वाद एवं हमारा आभार स्वीकार करें। महानिदेशक महोदय ने भगवान अरनाथ स्वामी के दर्शन एवं नवागढ़ की धरोहर का दर्शन करने का यथाशीघ्र कार्यक्रम बनाने का आश्वासन दिया है।
नवागढ़ समिति के अध्यक्ष सनत कुमार एडवोकेटए महामंत्री योगेंद्र जैन ए कोषाध्यक्ष राजकुमार जैन चुना वालेए मंत्री सुरेंद्र जैन सोजनाए कपूर चंद्र जैन ढूंढाए उपाध्यक्ष वीर चंद्र जैन नेकौरा एडॉ सुनील संचयए राजेश पठाए मैनेजर चंद्रभानएसनत बड़ागांवए अज्जू लारए ज्ञानचंद ए राकेश बड़ागांवए श्रीमती क्रांति एवं शोभा लाल टीकमगढ़ आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा है।
इस कार्यशाला में कमल चंद्रए अमित कुमार चौधरी सागर वालों का विशेष योगदान रहा है। समिति के पदाधिकारियों द्वारा अनुसंधानकर्ता विशेषज्ञों की पूरी टीम का भावभीना सम्मान किया गया।
नवागढ़ में अन्वेषण एवं संरक्षण हेतु विशेषज्ञ की दस दिन यह टीम रही मौजूद रू केण्पीण् पांडेय लखनऊ संरक्षकए श्रीमती रीता तिवारी लखनऊए श्रीमती बिंदु पीण्वीण् बेंगलुरुए देवकृत मंडल कोलकाताए विनीत भाववाले भववाला पानीपतए अजय सिंह दिल्लीए भूषणभरत पुणेए रजत कुमार फिरोजाबादए गौरव पाल दिल्लीए देव ज्योति नाथ त्रिपुराए मनन जैन दिल्लीए अविष्कार तिवारी दिल्लीए कुमारी शर्मिता दास कोलकाताए कुमारी संजुक्ता आचार्य कोलकाताए कुमारी अर्पिता दास कोलकाताए कुमारी अंजुली शर्मा दिल्लीए कुमारी सहाना एसवी मैसूरए कुमारी आरुषि महेश दिल्लीए कुमारी कोमल कुमारी दिल्लीए कुमारी रितिविका सिंह दिल्लीए कुमारी दीक्षा गुप्ता फर्रुखाबादए कुमारी सुचिता सिंह लखनऊए कुमारी श्रेया चक्रवर्ती कोलकाताए कुमारी नीरजा सक्सेना लखनऊए कुमारी अनुपमादास कोलकाताए कुमारी ऋषिभा ऐरी दिल्ली।
टीकमगढ़यनवागढ़ की धरोहर को मिला जीवनदान